Thursday 13 August 2015

मूँगफली

मूँगफली है सेहत का खजाना


भारत में इसे 'गरीबों का बादाम' के नाम से भी जाना जाता है।एक बादाम जाड़े में जितना फायदा देता है मूंगफली भी सेहत के लिहाज से उतना फायदा देती है। मूंगफली में सभी पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
मूंगफलीमें मौजूद पोषक तत्वों की भरमार होती है । करीब 100 ग्राम मूंगफली में आपको 567 कैलोरी, 49 ग्राम फैट्स जिसमें सात ग्राम सैचुरेटेड 40 ग्राम अनसैचुरेटेड फैट्स, जीरो कोलेस्ट्रॉल, सोडियम 18 मिलीग्राम, पोटैशियम 18 मिलीग्राम, कार्बोहाइड्रेट, फोलेट, विटामिन्स, प्रोटीन, फाइबर आदि अच्छी मात्रा में हैं।
यह वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत भी हैं। एक अंडे की कीमत में जितनी मूंगफली आती है, उसमें इतना प्रोटीन होता है जितना दूध और अंडे में भी नहीं होता है। 250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा की प्राप्ति आसानी से की जा सकती है।
फर्टिलिटी बढ़ती है। मूंगफली में फोलेट अच्छी मात्रा में है। कई शोधों में माना जा चुका है कि जो महिलाओं 700 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड वाली डाइट का सेवन करती हैं उनके गर्भवती होने व गर्भस्थ शिशुओं की सेहत में 70 प्रतिशत तक का फायदा होता है।
ब्लड शुगर पर नियंत्रण एक चौथाई कप मूंगफली के सेवन से शरीर को 35 प्रतिशत तक मैगनीज मिलता है जो फैट्स पर नियंत्रण और मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है। इसका नियमित सेवन खून में शुगर की मात्रा संतुलित रखता है।
मूंगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है।इसे खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में 5.1 फीसदी की कमी आती है। इसके अलावा कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्राल (एलडीएलसी) की मात्रा भी 7.4 फीसदी घटती है। एक सर्वे के मुताबिक जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10 फीसदी कम हो जाता है मूँगफली शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिए सर्दी के मौसम में ज्यादा लाभदायक है। यह खांसी में उपयोगी है व मेदे और फेफड़े को बल देती है।
इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूंगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
वजन घटाने में फायदेमंद-
शोधों में मानी जा चुका है कि जो लोग रोज मूंगफली का सेवन करते हैं उन्हें वजन घटाने में दूसरों की अपेक्षा दोगुनी आसानी होती है।
मूँगफली को जाड़े के अलावा हर मौसम मे खा सकते है ये रसोई मे निम्न प्रकार से प्रयोग मे लाई जाती है
1. मूँगफली को पुलाव, पोहे, ओर खिचड़ी मे भून कर प्रयोग कर सकते है।
2.मूँगफली की चटनी - सामग्री :
मूंगफली के दाने भूने और छिले हुए - 1 कटोरी

, 2-4 हरी मिर्च, 1 टे.स्पून तेल, 1/4 टी स्पून राई पाउडर, नमक स्वादानुसार।
विधि -मूंगफली के दाने मिक्सर जार में डाल दीजिये, आधा कप पानी डाल दीजिये इसमें नमक और हरी मिर्च डाल कर बारीक पीस लीजिये. चटनी को प्याले में निकालिये अगर यह आपको बहुत अधिक गाढ़ी लगे तो थोड़ा पानी और मिला दीजिये, अब इसमें नीबू का रस निकाल कर मिला दीजिये.
गैस पर छोटी कढ़ाई गरम कीजिये और तेल डालिये, गरम तेल में राई डालिये. राई कड़कड़ाहट के साथ भुन जायेगी. गैस बन्द कर दीजिये, 1-2 पिंच लाल मिर्च पाउडर डालिये और तड़के को चटनी में डाल दीजिये. चम्मच से एक दो बार चला दीजिये. मूँगफली की चटनी तैयार है.
3. मूंगफली की चिक्की - सामग्री
मूंगफली के दाने- 500 ग्राम
गुड़ या चीनी- 500 ग्राम
घी- 2 छोटी चम्मच
विधि -मूंगफली के दानों को घर में भूनना चाहती है, तो मूंगफली के दानों में एक छोटी चम्मच पानी डालकर मिलाये और 2-3 मिनिट बाद माइक्रोवेव में 5 मिनिट के लिये भून लें. देख लें कि मूगफली के दाने भून गये हैं, अगर नहीं तो और 2 मिनिट के लिये माइक्रोवेव करें. ठंडा होने पर छिलका उतार लें.अगर माक्रोवेव नहीं करना चाहते तो एक कढाई ले और गर्म करे और उसमे मूंगफली दाने को डाले औरमूंगफली के दाने को भुन ले , और उनका छिलका निकाल लीजिये, कढ़ाई में दो छोटी चम्मच घी डाल कर गैस पर रखें और कर गरम करें.
गुड़ तोड़ कर कढ़ाई में डालें, गुड़ को चलाते जायं. (मीडियम गैस पर पकायें) गुड़ पिघलने लगता है
आप उसे लगातार चलाते हुये पकायें, जब सारा गुड़ पिघल जाने के बाद चाशनी को 4-5 मिनिट तक और पकायें, चाशनी तैयार है.चाशनी में मूंगफली के दाने डालकर अच्छी तरह मिलाइये,
2-3 मिनिट तेज चलाते हुये पकाइये. एक प्लेट में घी लगाकर चिकना कीजिये.
कढ़ाई में बनी हुई चिक्की तुरन्त प्लेट में बेलन की सहायता से फैलाइये. चाकू की सहायता से अपने मन पसन्द आकार में काट लीजिये. और ठंडा होने पर टुकड़ों को अलग अलग कर लीजिये.
मूंगफली की चिक्की तैयार है.

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