Thursday 13 August 2015

आपणे जोधपुर जिले रो सामान्य परिचय


क्षेत्रफ़ल
22,850 वर्गकिमी
साक्षरता
57.38 प्रतिशत
समुद्रतल सु ऊँचाई
284-450 मी.
आदमियारी साक्षरता
73.86 प्रतिशत
बारिश रो औंसत
320 मि.मी.
लुगाया री साक्षरता
39.18 प्रतिशत
उच्चतम तापक्रम
नगरपालिका
3
न्युनतम तापक्रम
पंचायत समितियाँ
9
कुल जनसंख्या
28,80,777
गांव पंचायते
339
आदमियो री संख्या
15,09,563
राजस्व गांव
1080
लुगाया री संख्या
13,71,214
तहसील
7
ग्रामीण जनसंख्या
शहरी जनसंख्या

जोधपुर जिल्लो देश भक्ति ,साहस ,त्याग ,संस्कृ ति अने विकास री दृष्टि सु हरदम गौरवशाली रहयो है।जोधपुर जिल्लो थार मरूस्थल रो प्रवेश द्वार अने सुर्य नगरी रा नाम खुदरी अच्छी ओळख बणायोडो है । ओ इतिहास प्रसिद्ध परिवार चौहान अन राठौड राजपुतारी कर्म भूमि रियो डी है। राठौड राजपुता रा अधिकार मे आया पछे जोधपुर मध्यकाल मे मेहत्वपुर्ण भुमिका अदा करी है।मालदेव,उदयसिह ,जसवंतसिह अने भक्तसिह जेडा शासको रा नाम इतिहास मे प्रसिद्ध है। राठौड शासका री छतरिया य़े मंडोर अने जसवंतपुरा मे स्थित है।कला अने स्थापत्य री नजरा मुं नमुना मे गिणना मे आवे है।जोधपुर ने स्थानिय भाषा मे जोधाणा नाम सु जाणनामे आवे है।इरी स्थापना राव जोधाजी सन 1459 मे करी थी।
जोधपुर जिलो राजस्थान रा पशिचमी भाग मे 26 ं से 27 ं.37 ं उतरी अक्षांश अने 72 ं.55 ंसे 73 52 पूर्व देशान्तर रा बीच मे स्थित है। इरा उत्तर मे बीकानेर अने जैसलमेर ,दक्षिण मे बाडमेर अने पाली और पूर्व मे नागोर जिला री सीमा है। पशिचम मे इरी सीमा जैसलमेर जिला मु इने पाकिस्तान री सीमा तक जावे है ।जोधपुर जिला री जलवायु शुष्क पण स्वास्थ्य वर्धक है।जिला मे पत्थर अने चूनो पत्थर महत्वपूर्ण खनिज है।पहाडिया रे चारो ओर वन क्षेत्र है।


दर्शनिय स्थल

मेहरानगढदुर्ग
इतिहास-
मेहरानगढ दुर्ग देश रा प्रसिद्ध दुर्गा मुं एक है जे स्थापत्य कला ,गौरवमय इतिहास अने लोक संस्कृ ति रो सबने ध्यान करावे है। दुर्ग री नीव 12 मई ,1459 रे राव रिडमल रो छोटो रावजोधा जे भु-तल सु 400 फ़ुट ऊंची चिडिया नाथ री पहाडी पर रखी ,अने मयुर ध्वज रा नाम सु भी जाणना मे आवे है । इरो निर्माण सन 1807 ई . मे साहित्यिक अभिरुची रा धणी महाराज मानसिंह करवायो थो फ़तेह पोल रो निर्माण सन 1707 ई मे महाराज अजीतसिंह मुगलो ने हराया पछे किला मे पहारता करवायो थो।
बनावट-
मोटा मोटा पाषाण खंडा सु निर्मित आ दुर्ग री दीवारा 20 सु 120 फ़ुट तक ऊंची अने 12 सु 70 फ़ुट चोडी है अने ओ दुर्ग 500 गज लंबाई अने 250 गज चोडाई मे फ़ैलीयोडी है । पूर्व दिशा मे बणियोडो इरो भव्य प्रवेश द्वार जयपोल केवणा मे आवे है। इरा अतिरिक्त दुर्ग मे अमृतपोल जोधाजी रो कलसा ,लोहपोळ, सुरजपोल ,अने गोपाल पोळ भी है ।किला मे कुछ महेल भी बणियोडा है।जेणामे थाबला,दीवाळ अने छत पर सानारो बारीक कामवाळो मोती महेल अने भितीचित्रो मे सजयोडा फ़ुल महेल कला री दृष्टि सु अदभुत है। इरा अलावा श्रृंगार चौकी अने चामंुडा देवी रो मंदिर दर्शनीय है।किला रा बुर्ज पर स्थापित शंभु बाण, गजमी बाण अने अन्य छोटा मोटा तोप खुद रो इतिहास उजागर करे है।मेहरान गढ़ किला रा संग्रहालय मे मारवाड राजवंश री सांस्कृतिक शौर्य अने एतिहासिक महत्च री कळाकृ तिया एक अदभुत झांकी प्रस्तुत करियोडी है।



जसवंतथडा-
मेहरान गढ़ दुर्ग रा नजीक स्थित देवकुण्ड जलाश्य रा किनारे संगमरमर री आ नायाब इमारत रो निर्माण जोधपुर नरेश जसवंतसिह द्वितीय री याद मे महाराज सरदार सिंह सन 1906 मे करवायो थो।जसवंत थडा री खुबसुरती देखताइज जाण जावे है । अटे स्थित भवन मे जोधपुर मारवाड रा राठौड नरेशा री वंशावली रो सुंदर चित्रण करियोडो है। अटे एक सुरम्य उधान भी है ।
मंडोर-
जोधपुर सेर मे8 किमी. उतर मे बणियोडो मंडोर रो इतिहास बोत हीज पुराणो है । मंडोर दुर्ग तो अबे अटे कोनी है पण विरा अवशेष अवश्य अटे उपलब्ध है।बौध्ध शैली री बनावट वाला स्तंभ अन अने हरजार कक्षा रा अवशेष अटे है।कोई जमाना मे अटे मांड्व्य ऋृ षि री तपो भूमि थी जिण रे वजे सु इरो नाम मांड्व्यपुर पडीयो सातवी शताब्दी मे अटे मांड्व्यपुर सु मंडोर केवणा मे आवे है।एक अनुमान हे कि मडोर सेर री स्थापना महोदर नामक दैत्य राज से करी थी । अने ओइज स्थान पर वो वीरी छोटी मंदोदरी रा ब्याव लंकाधिपति रावण साथे करवाया था।
अटे मिलियोडा अवशेष मुं चौथी शताब्दी रो एक तोरण अने एक गुप्तकालीन मुर्ति महत्वपूर्ण है ।की स्त्रोता मु आ बात प्रमाणित रेयुडी है कोई समय अटे बौध्ध शैली रो एक भव्य दुर्ग थो ।इतिहास कारो रो माननो है कि वो भुकम्प मे नष्ट होगियो । किला रा भग्नावेषो मे सातवी शताब्दी रा एक वैष्णव मंदिर रा अवशेष भी है ।अेडो मानना मे आवे हे के पुराणा समय मे अटे नागवंशी राज करता था।
पौराणिक ,धार्मिक तथा पर्यटन री दृष्टि मुं आज भी मंडोर रो महत्व अक्षुण है। मंडोर रो दुर्ग ,देवल ,देवताओ री साल,जनाना उधान, संग्रहालय ,महेल अने अजीत पोल दर्शनीय है। अटारी प्राकृतिक छटा अने हरीयोडा भरीयोडा उधान मोटी संख्या मे पर्यटको ने आकृषित करे है।इरा मोटा मोटा बगीचा मे जोधपुर रा पुराणा शासको रा छतरी नुमा स्मारक है।मुर्तिया मु सजयोडा अने उमा शिखरो मु मडियोडा स्मारक अने छतरिया मारवाड रो गौरव दर्शावे है। अटे 33 करोड देवी देवताओ री गद्दी भी दर्शनीय है। इर मे देवताओ अने संत महात्माओ रा चित्र है।



उम्मेदभवन
एशिया रा भव्य प्रसादो मे जोधपुर रा उम्मेद भवन रो स्थान शीर्ष पर है।ओ प्रसाद एक छोटी पहाडी उपर स्थित है। अने छीतर पत्थर म बणियोडो रेवणा मु इरो नाम छीतर पैलेस जाणना मे आवे है।ओ भव्य प्रसाद री नीव श्री उम्मेदसिह तत्कालिन शासक 18 नवमबर,1928 ई मे राकी आने 1940 मे ओ बण ने तैयार वेगीयो इरो निर्माण अकाल राहत कार्य वास्ते पुरो रियो अने इरा पर वो जमाना मे 1.21 करोड रिपीया व्यय रीया।वर्तमान मे उम्मेद भवन मे संग्रहालय ,थियेटर , केन्द्रिय होल अने उधान दर्शनीय है ।
नेहरुपार्क
सेर रा विच मे बणीयोडो ओ उधान जोधपुर रा व्यवस्थित उधानो मु एक है।इरो निर्माण सन 1966 मे हियो हो अटारी फ़ुलवारी अने प्राकृतिक रुप मु बणियोडा जहाहनुमा तलाब दर्श्नीय है। जोधपुर सेर रे मध्य मे उम्मेद उधान ,सरदार संग्रहालय अने सुमेर सार्वजनिक पुस्तकालय भी दर्शनीय स्थल है।सेर मे प्राचीन भव्य अने विशाल मंदिर मौजूद है।जीर मे राजा रणछोड्क रो मंदिर कुंजबिहारी ,अचलनाथ , घनश्यामल रो मंदिर तीज माताजी रो मंदिर गणेश मंदिर भैरव मंदिर बालाजी मंदिर अने कागा रो शीतला माता रो मंदिरं आदि सब प्रसिद्ध है।
घावा
जोधपुर सु 45 किमी. दुर ओ वन्य जीव अभ्यारण्य मे बोतीज मोटी संख्या मे भारतीय बारासिह ,हिरण आदि अटे फ़ीरता देखणा मे आवे है।


ओसिया
जोधपुर सु लगभग 65 किमी. दुर जोधपुर- फ़लौदी मार्ग पर ओसिया कस्बा महत्वपूर्ण पर्यटन करना जीवा है। ओ कस्बा रा पत्थर री कलात्मक खुदाई पर पांचवी शताब्दी पेला री सभ्यता अने संस्कृति री झलक देखणा मे आवे है। अटे प्रचीन देवालय मे सचियाय माता रो मंदिर हरिहर रा तीन मंदिर है जो वो युग रा भारतीय वास्तुकला अने संस्कृति रा दर्शन करावे है। अटारा जैन मंदिर ,सुर्य मंदिर भी दर्शनीय है ,ओ छोटा क कस्बा मे कुल 16 मंदिर है जो 7 मु 10 वी शताब्दी रा बिचला है।
इरा अलावा फ़लौदी रा पार्शवनाथ अने रो मंदिर भी दर्शनीय है। फ़लौदी रे पास ग्राम रा नजीक शीत काल मे कुरजा पक्षी बोत मोटी संख्या मे आवे है । जीने देखणा वास्ते देशी विदेशी पर्यटक भी अटे पोंच जावे है ।



कला औंर संस्कृति

चित्रकला रे क्षेत्र मे जोधपुर रो बोत मोटो स्थान है।प्राचीन चित्रा मे लौकिकता अने स्वाभाविकता रो सांगोपांग चित्रण है। अटे हस्त कला उधोग भी बोत जल्दी विकसियो है। जोधपुर मे रंगाई, छपाई , बंधेज,लकडिया री कारीगरी ,दरी निर्माण ,चामडा री जुतिया अन्य उपयोगी अने सजावटी वस्तुओ ,वहाईट् महल कलात्मक वस्तुआ अने अन्य हस्तकला उधोग अटे प्रगति पर है। अटे प्रतिवर्ष उधोग अने हस्तशिल्प मेळा रो भी आयोजन रेवे है ।
लोक संस्कृति रा घराणा जोधपुर मे लोकगीत संगीत रा हाते शास्त्रीय गायन, वादन, अने नर्तन कला ने प्रबल समर्थन मिलियोडो है। अटे राजस्थान संगीत नाटक री अकादमी रो मुख्यालय है।ललित कलाओ मे सर्वागीण विकास अने प्रसार वास्ते राष्ट्रीय कला मंडल भी कार्यरत है। जोधपुर मे नागपंचमी तेवार मे मंडोर मेनागपंचमी मेळो लागे है । अने दशेरा मेला मु एक दिन पेला जोधपुरी कुलदेवी चामंुडा ने प्रसन्न करवा वास्ते चामंुडा माता रो मेलो लगावणा मे आवे है।चामंुडा माता रो मंदिर जोधपुर किला मे स्थित है।
अटारी मसुरीया पहडिया ने सुंदर पर्यटन स्थल रा रुप मे विकसित करणा मे आयो है। अटे रावण रो चबुतरा नाम रो स्थल पर दशहरा रो मेळो लागे है। मसुरिया पहाडी पर बाबा रामदेव रो मंदिर है। अटे बाबा रामदेव रो मेळो लागे है। पर्यटन कला अने सांस्कृ तिक विभाग री और सु जोधपुर मे प्रतिवर्ष मारवाड महोत्सव रो आयोजन करणा मे आवे है।


कई खरीदा ?
बंधेज रा कपडा , लहेरिया , जोधपुरी चुनर ,वहाईट महेल मु बणियोडी सजावटी चीजा,लकडी अने पीतळ रा रमकडा, कलाकृतिया - चमडा री जुतिया ,चपला आदि ,खरीदारी रा प्रमुख स्थल है। नई सडक , सरदार मार्केट कटला बाजार ,स्टेशन रोड,त्रिपोलिया बाजार अने जोहरी बाजार जोधपुर रा मावा अने कांदा री कचौरी बोत ही प्रसिद्ध है।


जोधपुर कीस्तर पुगा?
वायु मार्ग -
दिल्ली ,मुंबई ,जयपुर अने जैसलमेर मु उडावणा वास्ते उपलब्ध है । हवाई अड्डा वास्ते शहेर मु करीब 5 किमी. दूर रानानाडा मे स्थित है।पुरी जानकारी वास्ते फ़ोन न. 230617 अने आरक्षण वास्ते फ़ोन न. 2636757 मे संपर्क करणा मे आवे है।
रेल मार्ग
दिल्ली ,वाराणासी , हावडा जैसलमेर आदि शेरा मु रेलगाडिया उपलब्ध है । मरुधर एक्सप्रेस ,पशिचम एक्स्प्रेस । पुरी जानकारी वास्ते फ़ोन न. 131 मे संपर्क करो ।
सडकमार्ग
इणवास्ते सीटी बस सेवा उपलब्ध है ।जाण्कारी वास्ते फ़ोन न. 2544686 अने 2544980




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