Thursday 13 August 2015

आपणे राजस्थान रो खान-पान


राजस्थान रो खान-पान प्राय ः आपरी सात्विकता रे वास्ते जाणो जावे हैं।प्राय हिंदू शाकाहारी भोजन रो उपयोग करे हैं पण कुछ लोग मांसाहार रो भी उपयोग करे हैं। मारवाड री अर्थव्यवस्था पशुपालक रेई हैं,इण वास्ते भोजन मे दूध व दूध सू वणियोडी चीजा जिया की दही ,छाछ ,मटठो,घी आदि रो खावा मे उपयोग होवे हैं।साधार ण लोगो मे ज्वार,मोठ ,कुलथ ,मसूर,उड्द औंर तूर रो उपयोग होवे हैं।इणरे अलावा चावल, गेंहू,मकई औंर दुसरे अनाजो रो भी उपयोग होवे हैं पण बाजरे रो उपयोग ज्यादा होवे हैं। सस्ती होने रे कारण गरीब लोगो मे भी इरी बहोत खपत रेवे ।किसानो रे अलावा दूसरा ग्रामीण भी खाणे मे सागरा औंर राबा बहोत प्रचलित हैं।
साधारण लोग दिन मे तीन बार भोजन ग्रहण करे हैं- सीरावण (नाश्ता),दुपहरी (दिन रो भोजन) औंर रात बियालु (रात रो भोजन ) ऩाशते मे बाजरे री रोटी रे साथे घी ,दही, दूध व,मटठो लेवीजे हैं।सब्जियो मे मेथी, पालक या सोया आदि रो उपयोग होवे हैं। दूपहरी मे सोगरा ,मूंडा या मोठरी दाल ,प्याज औंर एक लालमिर्च रो भोजन करिजे। लोग खीचडी रो भी सेवन करे हैं। ओ सब भोजन स्वास्थ्य रे अनूकूल मानीजे हैं।
पांच तरह रे खाधो सू वणियोडी पंचकुट मारवाड री खासियत हैं। जिणमे सांगरी,खैंर (सुखे मेवे ), कुमाथिया (बील),अमचूर औंर मिर्ची होवे हैं। सब्जियो मे कैंर , सांगरी ,फ़ोग,ककडी, फ़लिया ,टिंडा ,खींपोली ,कंकेडा सब जगा होवे हैं।इरे अलावा मूली, गाजर ,शकरकंद औंर तरबूज भी उगाविजे हैं।
अठे क ई तरहा री मिठा ईया औंर नमकीन विश्‍व मे विख्यात हैं। जोधपुर मे मावे री कचौंडी, बीकानेर मे रसगुल्ला,नागौंर मे मालपुवा,किशनगढ मे पेठा,मेड्ता मे दूध पेडा, लूणी मे केशनबाटी, पाली मे गूंजा,नावा मे गूंद रा पापड , सांभर री फ़ीणी ,खारचीरी राबडी व खुनसुना री जलेबी लाजवाब मानीजे हैं। बीकानेरी भूजिया,जोधपुरी मिर्ची बडा,दाल मोठ,कोफ़्ता व शाही समोसा प्रसिद्ध हैं।राजस्थान रे प्रमुख खान पान मे दाल बाटी औंर चूरमो प्रसिद्ध हैं। ओ खाणे मे बहोत स्वाद होवे हैं।
गरीब औंर समृद्ध लोगो रे भोजन मे बहोत अन्तर हैं। समृद्ध लोग बहोत तरह री सब्जियो सु सुगंधित रसो,सुखा मेवा औंर फ़ीणी ,घेवर औंर खाजा जिसी मिठाईया ,नारियल चावल औंर गेंहू सू वणियोडा कई तरह रा व्यज्ंान,दाल,औंर अचार रो उपयोग करिजे हैं।शादी विवाह रे अवसर ऊपर लपसी,सीरो,औंर लाडू बणाई जे हैं।शादी रे अवसर ऊपर गंगाजल,इलायची औंर कपूर ,लौंंग रो सेवन करिजे हैं ।गरीबो मे बाजरे री रोटी रो प्रचलन हैं।


जोधपुर रा मिर्ची बड़ा



बरखा रो मौसम अर बात चटपटो खावा री व्‍है तो आपां राजस्‍थान रा मिर्चीबड़ा ने कदैही नीं भूल सकां। आओ आज आंपा सिखा कै किस तरह बणै है, जोधपुरी मिर्ची बड़ा।
सामग्री
भरावन रै लिए-
3 बड़े उबळिया मैश किया आलू,
1-1 छोटा चम्मच अदरक व हरी मिर्च पेस्ट,
डेढ़-डेढ़ छोटा चम्मच नमक व पिसी लाल मिर्च व शक्कर,
1/2 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर,
1-1 छोटा चम्मच भुना जीरा व धनिया पाउडर,
1/2 छोटा चम्मच गरम मसाला,
2 छोटे चम्मच अमचुर पाउडर,
1 बड़ा चम्मच तेल।

छौंक रै लिए-
स्वादानुसार हींग व राई, 8-10 मोटी लम्बी हरी मिर्च।

कवर रै लिए-
2 कटोरी मोटो बेसन,
1/4 छोटा चम्मच खावा रो सोडो,
1 छोटा चम्मच नमक और आवश्यकतानुसार तेल।

विधि :
कड़ाही में तेल गर्म करें। इणमें राई-हींग डाल’र चटकावै। अबै अदरक व हरी मिर्च डाल’र भून लें। इणमें मैश किया आलू और संगळा शेष मसाला डाल’र आच्छी तरह भून लें। त्‍यार भरावन नै ठंडो व्‍हैवा दें।
हरी मिर्च में लम्बाई में चीरो लगा’र बीज निकाल लें अर नमक लगाकर 10-15 मिनट रै लिए रख दें। फैर सूखे कपड़े सूं पोछ’र भरावन भर दें। बेसन में नमक, खावा रो सोडो और आवश्यकतानुसार पाणी डाल’र घोल त्‍यार करें। भरी हुई मिर्च नैं ण घोल में डुबो’र गर्म तेल में मध्यम आंच पै तल लें। इमली री चटनी रै साथै गर्मा-गर्म मिर्ची बड़े सर्व करें



तिल रा लड्डू


तिल सूं बण्‍या व्‍यंजन गर्मी अर ऊर्जा दोई देवै हैं, जिणरी जनवरी री ठंड रै मौसम माय घणी आवश्यकता होवै है। तिल अर गुड़ नैं मिलार बणाया गया लड्डू मकर संक्रांति माथै अवश्य बणाया जावै हैं। आओ आज आपां तिल गुड रा लड्डू बणावणा सीखां।
आवश्यक सामग्री:
तिल - 500 ग्राम
गुड़ - 500 ग्राम
घी - 2 छोटी चम्मच
विधी :
तिल नैं आच्छी तरह साफ कर लो और भारी तले री कढ़ाई माय आग माथै रखर लगातार चमचे सूं चलाता थका, हल्के भूरा होवा तक भून लो। भुने तिल सूं आधा तिल हल्का सा कूट लो या मिक्सी सूं हल्का सा चलार दरदरा कर लो। साबुत अर कुट्या तिल मिला दो। गुड़ नैं कढ़ाई माय एक चम्मच घी डालर गरम कर लो। गुड़ पिघलवा माथै आग बन्द कर दो। अबे पिघळिया गुड़ माय तिल डालर आच्छी तरह मिलालो। गुड़ तिल रै लड्डू बणवा रो मिश्रण तैयार है। हाथ नैं घी लगार चिकणा कर लो, मिश्रण सूं थोड़ो थोड़ो मिश्रण उठार गोल लड्डू बणालो। लड्डू गरम मिश्रण सूं ही बणाणा पड़ै हैं, मिश्रण ठंडो होवा पे जम जावौ है अर लड्डू बणाणो मुश्किल हो जावै है। अणा लड्डू नैं आप तुरंत भी खा सको हो अर तैयार लड्डू नैं 4-5 घंटे खुली हवा माय छोड़र खुश्क होवा रै बाद आप वणानैं एअर टाइट कन्टेनर माय भरर 3 महिने तक खा सको हो।



राजस्‍थानी मावा मालपुआ


मालपुआ राजस्‍थानी घरा माय बणवा वाळौ एक अस्‍यौ पकवान है, जो बरखा रै दिनां माय बणायौ जावै है। इणरै अलावा हरियाळी अमावस्‍या माथै अठै पारम्परिक रूप सूं मालपुआ अर खीर बणाया जावै हैं। साधारण मालपुआ बणावा रै लिये आटा नैं दूध या दही में घोळ्यौ जावै है अर इलाइची मिला’र मालपुआ तल लिये जावै हैं, अणा मालपुआं नैं खीर रै साथै खाया जावै है। पण राजस्थान में दूध, मावौ अर मैदो मिला’र मावा मालपुआ बणाया जावै हैं। अणा मालपुआ नै तलवा रै बाद चाशनी में डुबाया जावै है। तो आऔ आज आपां राजस्थानी मावा रा मालपुआ बणावां।
आवश्यक सामग्री
दूध - 2 कप
मावा या खोया - 200 ग्राम ( 1 कप ) कद्दू कस कियौ थकों
मैदा - 100 ग्राम (1 कप)
चीनी - 300 ग्राम( 1 1/2 कप)
केसर - 20 - 25 टुकड़े (मन चावै तो)
घी - तलने के लिये
छोटी इलाइची - 3-4 (बारीक पीसी)
पिस्ते - 10-12 (बारीक कतरी)
दूध नैं हल्कौ गरम कर लौ। मावा नैं कद्दूकस कर’र एक कप दूध में डाल दो। आच्छी तरह एक दम मिलवा तक फैटो। फैर मैदा डाल’र आच्छी तरह सूं मिला लो (घोल में गुठलियां नीं रेणी चावै)। बच्‍यौ दूध थोड़ा थोड़ा डालो अर घोल नैं आच्छी तरह फैट’र जलेबी बणावा जस्‍यौ घोल त्‍यार कर लो। मालपूआ बणावा रौ घोल त्‍यार है। घोल नैं 10 मिंट रै लिये ढाक’र रख दो।
चाशनी बणाएं:
चीनी री मात्रा रै आधा सूं थोड़ा वत्‍तौ पाणी (1 1/2 कप चीनी माय 1 कप पाणी) न्‍हाक’र एक तार री पतली चाशनी बणा लें। मालपुआ डालवा रै लिए चाशनी त्‍यार है। चाशनी में केसर डाल’र मिला दें।
यूं बणावै मालपुआ:
चौड़ी कढाई जो उंडी कम व्‍है, विमें घी न्‍हाक’र गरम करे। आपणै मन पसन्द आकार रा मालपूआ बणावा रै लिय, 1 मालपूआ रै लिये, 1 चमचो या आधो चमचा घोल, गरम तेल में डालें। कढ़ाई रै आकार रै अनुसार 2 - 3-4 मालपुआ डाल देवै। मंधरै आंच पै मालपूआ तळ ले। हळका भुरा व्‍हैवा पै पलटे, दूजी ओर भी हळका भूरा व्‍हैवा दे। मालपूआ निकाल’र कणी रख दे। संगळा मालपुआ त्‍यार व्‍या पछे चाशनी में डुबौ दे। 5 मिंट बाद मालपूआ चाशनी सूं निकाळ’र बारीक कट्या पिस्ता न्‍हाक’र सजावै। गरमा’गरम या ठंडा मालपुआ खीर या रबड़ी रै लारै जिमो अर जिमावौ और म्‍हानै बतावौ कै कस्‍याक लागा आपनै राजस्‍थानी मावा मालपुआ।मालपुआ।
बाजरे

बाजरे रौ खिचड़ो -






बाजरे रौ खिचड़ो घणौ स्वाद होवै है। यो राजस्‍थान रा मारवाड़ प्रांत माय ज्‍यादा बणायो जावै है। क्‍यूंकै बाजरा री तासिर गर्म होवै है इणलिये यो ज्‍यादातर सर्दी रै मौसम माय ही बणायो जावै है। पण आप चावो तो यदाकदा इणनैं चावल री खिचड़ी रै विकल्प रै रूप माय बारहों महीना बणा सको हो। तो आओ बाजरे रो खिचड़ो बणावा।
आवश्यक सामग्री:
बाजरो - 200 ग्राम
मूंग री दाल - 150 ग्राम
घी या तेल - 2 टेबल स्पून
हींग - 1 चुटकी
जीरा - 1 छोटी चम्मच
हरी मिर्च - 2 (बारीक कतरी)
अदरक - 1 इंच लंबो टुकड़ो (बारीक कतरियो)
हल्दी पाउडर - आधी छोटी चम्मच
हरी मटर रा दाणा - 1 छोटी कटोरी ( चाहें तो)
नमक - स्वादानुसार
हरा धणिया - 1 टेबल स्पून
विधी :
बाजरे नैं साफ कर लो। पछै थोड़ो सो पाणी न्‍हाक’र विणनैं गीलो करलो और खरल माय न्‍हाकर अतरो कूटो कै बाजरे री संगळी भूसी निकळ जावै। भूसी नैं अलग करर बाजरे नैं धो लो। कूकर माय घी या तेल गर्म करर और उण माय हींग-जीरा न्‍हाकर भून लो। उणरै पछै उण माय हरी मिर्च, अदरक, हल्दी पाउडर व मटर रा दाणा न्‍हाकर 2 मिनट तक भूनो और फिर उण माय बाजरे री मिगी न्‍हाकर 2-3 मिनट तक चमचे सूं चलार फैर भून लो।
अबै कूकर माय दाल और बाजरे री मात्रा रो चार गुणा पाणी न्‍हाकर कूकर नैं बंद कर दो और एक सीटी आवा रै पछै 5 मिनट तक धीमी गैस माथै पका लो।
बाजरे रो खिचड़ो त्‍यार है। खिचड़ा नैं हरे धणिया सूं सजार दही, अचार या चटनी रै साथै जिमो अर जिमावों।
चूरमे रा लाड्डू


राखी सूं ठीक पेल्‍या आवा वाळा रविवार नै राजस्‍थान में फूली रो त्‍योहार मनावै। इण त्‍योहार माथै अठे चुरमा रा लाड्डू बणाया जावै। आओ आज आपां सीखा राजस्‍थानी चुरमा रा लाड्डू।
सामग्री :
2 कटोरी गेहूं रो आटो
1 कटोरी गोळ (गुड़)
1, 1 / 2 कटोरी घी
1 / 2 चम्मच इलायची पावडर
2 -4 चम्मच कट्या थका पिस्ता अर बादाम
२- 4 चम्मच खोपरो बारीक़ कट्यो
चांदी रो वर्क , इलायची और पिस्ता पाउडर सजावट रै लिए
विधी :
सबसूं पैल्‍या आटा में थोड़ा घी रो मोयन दे अर उणमे थोड़ो गरम पाणी न्‍हाक’र 15 -20 मिनट रख दे| फैर मोटी मोटी बाटिया बणा’र सेक ले। जद सिक जावै तो दरदरो पीस ले। पिस्‍या मिश्रण में बादाम, पिस्‍ता, खोपरा, घी अर गुड़ आच्‍छी तरह सूं मिला’र लाडडू बांध ले। फेर वणानैं चांदी रै वर्क और इलायची , पिस्ता पाउडर सूं सजा दे।

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